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हमारी ग्रामीण समस्याएं और उसका समाधान पर निबंध | Essay on our rural problems and solutions in Hindi

हमारी ग्रामीण समस्याएं और उसका समाधान पर निबंध | Essay on our rural problems and solutions in Hindi

इस निबंध के अन्य शीर्षक-

  • ग्राम्य विकास की समस्याएं और समाधान।
  • गांव का विकास : देश का विकास।
  • ग्राम्य जीवन।
  • ग्रामीण जीवन। 
  • ग्रामोत्थान : एक अनिवार्यता।
  • ग्राम विकास― भारतीय परिवेश में।
  • ग्रामोत्थान की नई योजनाएं।
  • ग्रामीण विकास।

रुपरेखा-

  1. प्रस्तावना
  2. ग्राम्य जीवन की विशेषताएं
  3. ग्रामीण समस्याएं
  4. समाधान के सुझाव
  5. उपसंहार

प्रस्तावना

भारत गांवों का देश है। प्रत्येक बड़े नगर के साथ सैकड़ो गांव लगे हैं। भारत की लगभग 72% जनता आज भी गांव में निवास करती है। गांवों के निवासी ही संपूर्ण देशवासियों के लिए अन्न, वस्त्र, फल, दूध, चीनी और सब्जियां आदि जीवन के लिए आवश्यक वस्तुओं का उत्पादन करते हैं। इस कारण इस देश में ग्रामों का विशेष महत्व है। देश की समृद्धि तथा विकास गांव के विकास पर आधारित है। गांव की उन्नति में ही देश की उन्नति है।

ग्राम्य जीवन की विशेषताएं

ग्रामों के निवासी परिश्रमी सीधे और सच्चे होते हैं। आडंबर, छल, कपट से वे कोसों दूर होते हैं। फैशन और बाहरी चमक-दमक उन्हें अच्छी नहीं लगती। वह प्रकृति के खुले वातावरण में विचरण करते हैं। गांव की प्राकृतिक छटा भी बड़ी मनोरम होती है। यहां की शस्य-श्यामला भूमि विभिन्न ऋतुओं में नया नया रूप धरा करती है। गांव के चारों ओर के आम तथा अन्य फलों के बाग प्रातःकाल की शीतल मंद सुगंध बयार और पशु-पक्षियों के विविध रुप नगर निवासियों के लिए दुर्लभ वस्तुएं हैं। गांव का वातावरण सदैव शांत और कोलाहल रहित होता है।

ग्रामीण समस्याएं

यह आश्चर्य की बात है कि गांव शांति और स्वास्थ्य के केंद्र हैं। किंतु ग्राम के निवासी ग्राम छोड़कर शहरों की ओर दौड़ रहे हैं। इसका एक मात्र कारण है― ग्राम में जीवन की जटिल समस्याएं। यह कैसी विडंबना है कि संसार को अन्न, वस्त्र देने वाला किसान स्वयं भूखा और नंगा रहता है। गांव के निवासी अनेक कठिनाइयों से पीड़ित हैं। अभाव से संतृप्त हैं। गांव की अनेक समस्याएं है, जिनमें से मुख्य निम्नलिखित हैं―

(क) ऋण की समस्या

गाँव के अधिकतर लोग खेती करते हैं। खेती के लिए आधुनिक यंत्र, उत्तम बीज, खाद तथा सिंचाई की व्यवस्था के लिए किसान के पास धन नहीं होता है। इसके लिए उसे ब्याज की सस्ती दर पर ऋण नहीं मिल पाता है। सरकार ने सहकारी बैंक, भूमि विकास बैंक आदि की स्थापना कर किसान की इस कठिनाई को दूर करने का प्रयास किया है। किंतु गांव का किसान अशिक्षित है। वह अज्ञान के कारण इस सुविधा से लाभ नहीं उठा पा रहा है।

(ख) अशिक्षा

अधिकतर किसान अशिक्षित हैं। किसानों के बच्चे अब भी कम ही पढ़ते हैं, और जो पढ़ते हैं वे खेती नहीं करना चाहते। नौकरी की तलाश में भटकते फिरते हैं। शिक्षा के कारण किसान खेती के नए-नए तरीकों, यंत्रों तथा फसलों के विषय में जानकारी प्राप्त नहीं कर पाता है। और सरकार से मिलने वाली सुविधाओं से भी वंचित रह जाता है।

(ग) कुरीतियां

किसान अनेक कुरीतियों, कुप्रभावों और रूढ़ियों में फंसा है। विज्ञान के इस युग में भी वह छुआछूत, बाल-विवाह और जादू टोना के अंधविश्वास से मुक्ति नहीं पा सका है।

(घ) आपसी कलह

गांव के लोग छोटी छोटी बातों और एक एक इंच जमीन के लिए आपस में लड़ते-झगड़ते हैं। जरा सी बात को सम्मान का प्रश्न बना लेते हैं, मार-पीट हो जाती है। सिर फूट जाते हैं, मृत्यु तक हो जाती है, मुकदमे बाजी हो जाती है, गाढ़ी कमाई का हजारों रुपया मुकदमों पर खर्च हो जाता है। इससे बड़ी हानि और क्या हो सकती है?

(ङ) चिकित्सा की समस्या

गांव में स्वास्थ्य और चिकित्सा की व्यवस्था का अभाव है। अस्पताल एवम अच्छे डॉक्टर गांव में उपलब्ध नहीं हैं। यदि कोई भी बीमार होता है तो वह चिकित्सा के अभाव में प्राणों से हाथ धो लेता है। जिनके पास धन तथा अन्य साधन होते हैं, वह शहरों की और दौड़ते हैं परंतु बहुत बार ऐसा होता है कि शहर के अस्पताल तक पहुंचते-पहुंचते रोगी जीवन से हाथ धो बैठता है।

(च) निर्धनता

निर्धनता तथा बेकारी गांव की प्रमुख समस्याएं हैं। धन के अभाव में ग्रामवासी पंखा, फ्रिज, कूलर जैसी आधुनिक सुखदायक वस्तुओं का उपयोग नहीं कर पाते हैं। सर्दी गर्मी आदि उन्हें खूब सताती है। विलास की सामग्री तो दूर, जीवन की अत्यंत आवश्यक आवश्यकताओं की पूर्ति भी वह नहीं कर पाते हैं।

(छ) अन्य समस्याएं

उपर्युक्त के अतिरिक्त गांव में पेयजल, बिजली, यातायात के साधनो आदि की अनेक समस्याएं हैं। जिनके समाधान के बिना गांव के निवासी सुख का अनुभव नहीं कर पाते हैं। गांव के विकास के अभाव में राष्ट्र का विकास असंभव है।

समाधान के सुझाव

गांव की उन्नति और विकास के लिए सरकार को चाहिए कि इन समस्याओं का शीघ्र समाधान किया जाए। प्रत्येक ग्राम में शिक्षा, चिकित्सा, सुरक्षा, स्वास्थ्य, पेयजल, मनोरंजन और आवागमन की सुविधाएं उपलब्ध कराई जाए। कृषि की उन्नति और उत्पादन में वृद्धि के लिए कृषि संबंधी आधुनिकतम उपकरणों से किसान को परिचित कराया जाए। सिंचाई के साधनो का विस्तार किया जाए। अच्छी खाद, उन्नत बीज तथा यंत्रों की प्राप्ति के लिए किसान को ब्याज की सस्ती दरों पर ऋण प्राप्त कराया जाए। गांव में कुटीर उद्योगों का विकास किया जाए और लघु उद्योगों की स्थापना की जाए। तो निश्चित ही ग्रामीणों का जीवन स्तर ऊंचा उठेगा ग्राम का विकास होगा।

उपसंहार

हमारी सरकार एवं समाज का कर्तव्य है। कि गांव की इन समस्याओं के समाधान हेतु प्रयत्नशील हो। गांव के विकास में अपना पूरा सहयोग दें। गांव की उन्नति पर ही देश की उन्नति निर्भर है।

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