आधुनिक यंत्र पुरुष : कम्प्यूटर पर निबंध | Computer Par Nibandh Hindi Mein

Computer Par Nibandh- आज का युग वैज्ञानिक युग है। इसमे सभी क्षेत्रों मे नयी तकनीक का उपयोग ज़ोरों से हो रहा है। इस तकनीक को अत्यधिक उन्नत शील बनाने मे कम्प्युटर का बहुत बड़ा योगदान है। इसलिए आज विभिन्न परीक्षाओं मे कम्प्युटर से संबन्धित विषयों पर निबंध लिखने को कहा जाता है। इस निबंध के अन्य शीर्षकों पर यही निबंध लिख सकते हैं। 

कम्प्यूटर पर निबंध | Computer Par Nibandh Hindi Mein

इस निबंध के अन्य शीर्षक-

  • कंप्यूटर की उपयोगिता
  • भारत में कंप्यूटर का महत्व
  • कंप्यूटर के प्रयोग से लाभ तथा हानि
  • आधुनिक यंत्र पुरुष कंप्यूटर

रूपरेखा-

प्रस्तावना

कंप्यूटर असीमित क्षमताओं वाला वर्तमान युग का एक क्रांतिकारी साधन है। यह एक ऐसा यंत्र पुरुष है। जिसमें यांत्रिक मष्तिष्कों का रूपात्मक, और समन्वयात्मक योग तथा गुणात्मक घनत्व पाया जाता है। इसके परिणामस्वरुप यह कम से कम समय में तीव्र गति से त्रुटिहीन गणनाएँ कर लेता है। आरंभ में गणित की जटिल गणनाएं करने के लिए ही कंप्यूटर का आविष्कार किया गया था। आधुनिक कंप्यूटर के प्रथम सिद्धांतकार चार्ल्स बैबेज (सन 1792-1871 ई०) ने गणित और खगोल विज्ञान की शुक्ष्म सारणीया तैयार करने के लिए ही एक भव्य कंप्यूटर की योजना तैयार की थी। उन्नीसवीं सदी के अंतिम दशक मैं अमेरिकी इंजीनियर हरमन हॉलेरिथ ने जनगणना से संबंधित आंकड़ों का विश्लेषण करने के लिए पंचकार्डों पर आधारित कंप्यूटर का प्रयोग कर किया था। दूसरे महायुद्ध के दौरान पहली बार बिजली से चलने वाले कंप्यूटर बने। इन का उपयोग भी गणनाओं के लिए ही हुआ। आज के कंप्यूटर केवल गणनाएं करने तक ही सीमित नहीं रह गए हैं। वरन अक्षरों, शब्दों, आकृतियों और कथनों को ग्रहण करने में अथवा इस से भी अधिक अनेकानेक कार्य करने में समर्थ हैं। आज कंप्यूटर का मानव जीवन के अधिकाधिक क्षेत्रों में उपयोग करना संभव हुआ है। अब कंप्यूटर संचार और नियंत्रण के भी शक्तिशाली साधन बन गए हैं।

कंप्यूटर के उपयोग

आज जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में कंप्यूटरों के व्यापक प्रयोग हो रहे हैं।

प्रकाशन के क्षेत्र में

सन 1971 ई० में माइक्रोप्रोसेसर का आविष्कार हुआ। इस आविष्कार ने कंप्यूटरों को छोटा, सस्ता और कई गुना शक्तिशाली बना दिया। माइक्रोप्रोसेसर के आविष्कार के बाद कंप्यूटर का अनेक कार्यों में उपयोग संभव हुआ। शब्द संसाधक (वर्ड प्रोसेसर) कंप्यूटरों के साथ स्क्रीन व प्रिंटर जुड़ जाने से इन की उपयोगिता का खूब विस्तार हुआ है। सर्वप्रथम एक लेख संपादित होकर कंप्यूटर में संचित होता है टंकित मैटर को कंप्यूटर की स्क्रीन पर देखा जा सकता है, और उस में संशोधन भी किया जा सकता है। इसके बाद मशीनों से छपाई होती है। अब तो अतिविकसित देशो (ब्रिटेन आदि) में बड़े समाचार पत्रों में संपादकीय विभाग में एक सिरे पर कंप्यूटरों में मैटर भरा जाता है, तथा दूसरे सिरे पर तेज रफ्तार से इलेक्ट्रॉनिक प्रिंटर समाचार पत्र छाप कर निकाल देते हैं।

बैंकों में

कंप्यूटर का उपयोग बैंकों में किया जाने लगा है। कई राष्ट्रीयकृत बैंकों ने चुंबकीय संख्याओं वाली चेकबुक भी जारी करी कर दी है। खातों के संचालन और लेन- देन का हिसाब रखने वाले कंप्यूटर भी बैंकों में स्थापित हो रहे हैं। आज कंप्यूटर के द्वारा ही बैंकों में 24 घंटे पैसे के लेन-देन की ए. टी. एम. (Automated Teller Machine) जैसी सेवाएं संभव हो सकी है। यूरोप और अमेरिका में ही नहीं अब भारत में भी ऐसी व्यवस्थाएं अस्तित्व में आ गई हैं, कि घर के निजी कंप्यूटरों के जरिए बैंकों से भी लेन-देन का व्यवहार संभव हुआ है।

सूचनाओं के आदान-प्रदान में

प्रारंभ में कंप्यूटर की गतिविधियां वातानुकूलित कक्षों तक ही सीमित थी, किंतु अब एक कंप्यूटर हजारों किलोमीटर दूर के दूसरे कंप्यूटरों के साथ बातचीत कर सकता है। तथा उसे सूचनाएं भेज सकता है। दो कंप्यूटरों के बीच यह संबंध तारों, माइक्रोवेव तथा उपग्रह के जरिए स्थापित होता है। सूचनाओं के आदान-प्रदान के लिए देश के सभी प्रमुख छोटे-बड़े शहरों को कंप्यूटर नेटवर्क के जरिए एक दूसरे से जोड़ने की प्रक्रिया शीघ्र ही पूर्ण होने वाली है। इंटरनेट जैसी सुविधा से आज देश का प्रत्येक नगर संपूर्ण विश्व से जुड़ गया है।

आरक्षण के क्षेत्र में

कंप्यूटर नेटवर्क की अनेक व्यवस्थाएं अब हमारे देश में स्थापित हो गई हैं। सभी प्रमुख एयरलाइंस की हवाई यात्राओ के आरक्षण के लिए अब ऐसी व्यवस्था है कि भारत के किसी शहर से आपकी समूची हवाई यात्रा की आरक्षण के साथ-साथ विदेशों में आपकी इच्छा अनुसार होटल भी आरक्षित हो जाएगा। कंप्यूटर नेटवर्क से अब देश के सभी प्रमुख शहरों में रेल यात्रा के आरक्षण की व्यवस्था भी अस्तित्व में आ गई है।

कंप्यूटर ग्राफिक्स में

कंप्यूटर केवल अंकों और अक्षरों को ही नहीं वरन रेखाओं और आकृतियां को भी संभाल सकते हैं। कंप्यूटर ग्राफिक्स की इस व्यवस्था के अनेक उपयोग हैं। भवनों, मोटर गाड़ी हवाई जहाज आदि के डिजाइन तैयार करने में कंप्यूटर ग्राफिक्स का व्यापक उपयोग हो रहा है। वास्तुशिल्पी अब अपने डिजाइन कंप्यूटर स्क्रीन पर तैयार करते हैं, और संलग्न प्रिंटर से इनके प्रिंट भी प्राप्त कर लेते हैं। यहां तक कि कंप्यूटर चिप्स के सर्किटों के डिजाइन भी अब कंप्यूटर ग्राफिक्स की मदद से तैयार होने लगे हैं। वैज्ञानिक अनुसंधान भी कंप्यूटर के स्क्रीन पर किए जा रहे हैं।

कला के क्षेत्र में

कंप्यूटर अब चित्रकार की भूमिका भी निभाने लगे हैं। चित्र तैयार करने के लिए अब रंगो, रंग-पट्टिकाओं और कैनवास की कोई आवश्यकता नहीं रह गई है। चित्रकार अब कंप्यूटर के सामने बैठता है, और अपने नियोजित प्रोग्राम की सहायता से अपनी इच्छा के अनुसार स्क्रीन पर रंगीन रेखाएं प्रस्तुत कर देता है रेखांकनों से स्क्रीन पर निर्मित कोई भी चित्र प्रिंट की कुंजी दबाते ही अपने समूचे रंगों के साथ कंप्यूटर से संलग्न प्रिंटर द्वारा कागज पर छाप दिया जाता है।

संगीत के क्षेत्र में

कंप्यूटर अब सुर सजाने का काम भी करने लगे हैं। पाश्चात्य संगीत के सुर अंकों को कंप्यूटर स्क्रीन पर प्रस्तुत करने में कोई कठिनाई नहीं होती। परंतु वीणा जैसे भारतीय वाद्य की स्वर लिपि तैयार करने में कठिनाइयाँ आ रही हैं। परंतु वह दिन दूर नहीं है जब भारतीय संगीत की स्वर लहरों को कंप्यूटर स्क्रीन पर उभार कर उनका विश्लेषण किया जाएगा और संगीत शिक्षा की नई तकनीक विकसित की जा सकेगी।

खगोल विज्ञान के क्षेत्र में

कंप्यूटर ने वैज्ञानिक अनुसंधान के अनेक क्षेत्रों का समूचा ढांचा ही बदल दिया है। पहले खगोलविद दूरबीन से ऊपर रात-रात भर आंखें गड़ा कर आकाश के पिण्डो का अवलोकन करते थे। किंतु अब किरणों की मात्रा के अनुसार ठीक ठीक चित्र उतारने वाले इलेक्ट्रॉनिक उपकरण उपलब्ध हो गए हैं। इन चित्रों में निहित जानकारी का व्यापक विश्लेषण सब कंप्यूटरों से होता है।

चुनाव में

इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन भी एक सरल कंप्यूटर ही है, मतदान के लिए ऐसी वोटिंग मशीनों का उपयोग सिर्फ छोटे पैमाने पर ही सही अब हमारे देश में भी हो रहा है।

उद्योग धंधों में

कंप्यूटर उद्योग नियंत्रण के भी शक्तिशाली साधन है। बड़े-बड़े कारखानों के संचालन का काम अब कंप्यूटर संभालने लगे हैं। कंप्यूटरों से जुड़कर रोबोट अनेक किस्म के औद्योगिक उत्पादों को संभाल सकते हैं। कंप्यूटर भयंकर गर्मी और ठिठुरती सर्दी में भी यथावत कार्य करते हैं। इनका उस पर कोई असर नहीं पड़ता। हमारे देश में अब अधिकांश निजी व्यवसायों में कंप्यूटर का प्रयोग होने लगा है।

सैनिक कार्यों में

आज प्रमुख रुप से महायुद्ध की तैयारी के लिए नए-नए शक्तिशाली सुपर कम्प्यूटरों का विकास किया जा रहा है। महाशक्तियों की 'स्टारवार्स' की योजना सुपर कंप्यूटरों के नियंत्रण पर आधारित है। पहले भारी कीमत देकर हमारे देश में सुपर कंप्यूटर आयात किए जा रहे थे। परंतु अब इन सुपर कंप्यूटरों का निर्माण हमारे देश में भी किया जा रहा है।

अपराध निवारण में

अपराधों के निवारण में भी कंप्यूटर की अत्याधिक उपयोगिता है। पश्चिम के कई देशों में सभी अधिकृत वाहन मालिकों, चालकों, अपराधियों का रिकॉर्ड पुलिस के एक विशाल कंप्यूटर में संरक्षित होता है। कंप्यूटर द्वारा क्षण मात्र में अपेक्षित जानकारी उपलब्ध हो जाती है। जो कि अपराधियों के पकड़ने में सहायक सिद्ध होती है। यही नहीं, किसी भी अपराध से संदर्भित अनेकानेक तथ्य क्षण में से विश्लेषण द्वारा कंप्यूटर नए तथ्य ढूंढ लेता है। तथा किसी अपराधी का कैसा भी चित्र उपलब्ध होने पर वह उसकी सहायता से अपराधी के किसी भी उम्र और स्वरूप की तस्वीर प्रस्तुत कर सकता है।

कंप्यूटर तकनीक से हानियां

जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में कंप्यूटर तकनीकी के निरंतर उभरते जा रहे। व्यापक उपयोग होने पर जहां एक ओर इसकी उपयोगिता दर्शायी है। वही दूसरी ओर इसके भयावह परिणामों को भी अनदेखा नहीं किया जा सकता है, यह स्पष्ट प्रतीत हो रहा है कि कंप्यूटर हर क्षेत्र में मानव श्रम को नगण्य बना देगा। जिससे भारत की जनसंख्या व बहुत देशों में बेरोजगारी की समस्या विकराल रुप धारण कर लेगी। विभिन्न विभागों में इसकी स्थापना से कर्मचारी भविष्य के प्रति आशंकित हो गए हैं।

बैंकों आदि में इस व्यवस्था के कुछ दुष्परिणाम भी सामने आए हैं। दूसरों के खातों के कोड नंबर जानकर प्रतिवर्ष करोड़ों डॉलर्स बैंकों को ठगना अमेरिका में एक आम बात हो गई है। हमारे देश के बैंकों में बिना कंप्यूटर के करोड़ों की ठगी के मामले आए दिन सामने आते रहते हैं। ज्योतिष के क्षेत्र में भी इसके परिणाम शत प्रतिशत सही नहीं निकले हैं।

कंप्यूटर और मानव मस्तिष्क

कंप्यूटर के संदर्भ में ढेर सारी भ्रांतियां जन सामान्य के मस्तिष्क में छाई हुई है। कुछ लोग इसे सुपर पावर समझ बैठे हैं। जिसमें सबकुछ करने की छमता है, किंतु उनकी ये धाराएं पूर्ण रूपेण निर्धारण हैं। वास्तविकता तो यह है कि कंप्यूटर एकत्रित आंकड़ों का इलेक्ट्रॉनिक विश्लेषण प्रस्तुत करने वाली एक मशीन मात्र है या केवल वही काम कर सकता है जिसके लिए इसे निर्देशित किया गया हो। यह कोई निर्णय स्वयं नहीं ले सकता और ना ही कोई नवीन बात सोच सकता है। यह मानवीय संवेदना अभिरुचियों, भावनाओं और चित से रहित मात्र एक यंत्र पुरुष है। जिसकी बुद्धिलब्धि इंटेलिजेंस (I. Q.) मात्र एक मक्खी के बराबर होती है। यानी बुद्धिमत्ता में कंप्यूटर मनुष्य से कई हजार गुणा पीछे है।

उपसंहार

निष्कर्ष रूप में यह कहा जा सकता है, कि कंप्यूटर टेक्नोलॉजी के भी दो पछ है इसको सोच समझकर उपयोग किया जाए तो यह वरदान सिद्ध हो सकता है। अन्यथा यह मानव जाति की तबाही का साधन भी बन सकता है। इसीलिए कंप्यूटर की क्षमताओं को ठीक से समझना जरुरी है। इलेक्ट्रानिकी शिक्षा एवं साधन कंप्यूटर टेक्नोलॉजी की उपेक्षा नहीं कर सकते। लेकिन इनके लिए यदि बुनियादी शिक्षा की समुचित व्यवस्था की जाती। देश में टेक्नोलॉजी के साधन जुटाये जाते और पाश्चात्य संस्कृति में विकसित हुई इस टेक्नोलॉजी को देश की परिस्थितियों को ध्यान में रखकर धीरे-धीरे अपनाया जाता तो अच्छा होता।

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