हमेशा खुश कैसे रहें? | Hamesha Khush Kaise Rahe?

हम हमेशा खुश कैसे रहें? (Life mein hamesha khush kaise rahen?)– ये सिर्फ आप लोगों का ही सवाल नहीं है, मैंने इसे काफ़ी नजदीकी से महसूस किया है कुछ लोगों ने हमें बताया कि हम कभी खुश ही नहीं रहते और ये सच भी था, नकारात्मकता में मानो मैं डूब ही गया था। काफी समय के बाद मुझे लगा कि मुझे क्यों न इस सवाल का बेहतर जवाब ढूंढना चाहिए और पहले अपने ऊपर इनका प्रयोग करना चाहिए। फिर आप लोगों के साथ शेयर करना चाहिए।

Hamesha khush kaise rahen

वास्तव में हमें खुशी के सही मायने ही नहीं पता है, हम खुशी को विभिन्न चीजों जैसे पैसे, सांसारिक वस्तुओं और किसी व्यक्ति को हासिल करने या उसकी खुशी से जोड़कर चलते हैं। लेकिन वास्तव में ये हमारी जरूरतें हैं या हमारे अंदर का स्वार्थ है, लेकिन खुशी नहीं।

इस दुनिया में हर कोई इतना उलझ गया है कि उसके जीवन से खुशी शायद गायब ही हो गयी है। हम किसी चीज़ों को इतनी अहमियत दे देते हैं। कि उनके बिना हम खुश ही नही रह पाते। फिर हम अपने भाग्य और किस्मत को दोष देने लगते हैं। जबकि सिर्फ हमें अपना नज़रिया बदलने की जरूरत होती है। खुशी हमारे अंदर ही है कभी सोचकर तो देखें।

आपको खुश देखने की इच्छा रखने वाले लोग उंगलियों की गिनती पर ही होते हैं, या यूं कह लीजिए कि आपके माता पिता के अलावा सिर्फ दो-चार लोग ही होते हैं, जोकि वास्तव में आपको खुश देखना चाहते हैं और आपकी इसमें सहायता करने का प्रयास करते हैं। जब तक आप अपनी खुशी को दूसरों से जोड़कर देखेंगे, आप कभी खुश नहीं हो सकते हैं।

आपको कभी भी अपनी समस्याएं बड़ी नहीं बनने देनी चाहिए, उसके पहले ही आपको उनका हल ढूंढ लेना चाहिए। चाहे समस्या कैसी भी हो, क्या हो? बस आपको उससे खत्म करने पर काम करना चाहिए।

आपके जीवन का हर एक पल अनमोल है, उसको सार्थक तरीके से आंनद के साथ जीना ही सही मायने में ज़िन्दगी है। अगर जरूरी हो तभी किसी ने क्या कहा, क्यों कहा इन बातों पर सोचना चाहिए, और आवश्यकता से ज्यादा इन बातों पर ध्यान नहीं देना चाहिए। आप को अपनी ज़िंदगी जीनी है, इसलिए अपनी खुशी को बहुत से कारण देने चाहिए।

याद रखिए आपका खुश रहना ही आपका बुरा चाहने वालो के लिए सबसे बड़ी सजा है।

Hamesha khush rahne ke upaay

हमेशा खुश रहने के उपाय/राज

1. अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखें– खुश रहने के लिए आपका स्वास्थ्य हमेशा अच्छा रहना चाहिए। कहते हैं ना कि “स्वस्थ शरीर में स्वस्थ मस्तिष्क का निवास होता है।” इसलिए खुश रहने के लिए आपका मस्तिष्क स्वस्थ होना चाहिए। और आपने वो कहावत तो सुनी ही होगी “पहला सुख निरोगी काया दूजा सुख घर मे माया” इससे भी स्पष्ट होता है कि सबसे बड़ा सुख आपका स्वस्थ शरीर है। इसलिए आप अपने शरीर को स्वस्थ रखने के लिए प्रतिदिन व्यायाम करें और अच्छा भोजन करें।

प्रतिदिन व्यायाम से हमें भारीपन से मुक्ति मिल जाती है। अंग्रेजी में एक कहावत है “No Pain No Gain” जिसका मतलब है कि बिना दर्द के आप कुछ हासिल नहीं कर सकते। इसलिए आपको अच्छे शारिरिक स्वास्थ्य के लिए कम्फर्ट जोन से बाहर निकलना पड़ेगा।

इससे आपको हमेशा नई ऊर्जा और शक्ति प्राप्त होगी और आपके खुश होने की प्रायिकता बढ़ जाएगी।

2. स्वयं को आत्मनिर्भर बनायें– आपने एक पंक्ति तो जरूर ही सुनी होगी “पराधीन सपनेहुँ सुख नाहीं” जिसका सीधा अर्थ है कि जब तक आप पराधीन हैं आप खुश नहीं रह सकते हैं। ये पराधीनता किसी भी रूप में हो सकती है। आर्थिक, भौतिक या मानसिक।

अगर हम किसी भी व्यक्ति पर आर्थिक रूप से निर्भर हैं, तो आपको आर्थिक, भौतिक और मानसिक उत्पीड़न का भी सामना करना पड़ सकता है। आर्थिक निर्भरता एक समय तक ही काम करती है, उस समय के बाद यहाँ तक कि आपके सगे संबंधी भी आँख चुराने लग जाएंगे। इसलिए आप आर्थिक निर्भरता को जल्दी ही खत्म करने का प्रयास करें। कम उम्र के लिए ये अपवाद है।

आज के भौतिकवादी समय में भौतिक निर्भरता भी बहुत हानिकारक है। हमारी खुशी में इसकी कोई महत्ता नहीं है लेकिन नकारात्मक विचारों की वजह से लोग इसे खुशी का कारण मानने लगते हैं। चाहे वह भौतिक सम्बन्ध हो या भौतिक वस्तु जैसे मोबाइल वगैरह। वास्तव में हम इनके बिना ज्यादा खुश रह सकते हैं, बस हमें समय रहते इन चीज़ों पर नियंत्रण कर लेना चाहिए।

मानसिक निर्भरता, सबसे ज्यादा पीड़ा देने वाला विषय है। ज्यादातर लोग इससे ही दुख और तनाव का शिकार हो जाते हैं। लोग दूसरों से इतनी उम्मीदें लगा लेते है, जिन पर वो कभी खरे उतरते ही नहीं हैं, और इसके सापेक्ष हम खुद को एक गहरे दुःख के जाल में फंस जाते हैं। इसलिए आप दूसरों से उम्मीदें रखना कम करें क्योंकि खत्म करना मुनासिब ही नही होगा, न हमारे लिए न आपके लिए। कहावत भी है कि “उम्मीद पर तो दुनिया कायम है” इसलिए उम्मीद आवश्यक रूप तक ही सीमित रखें जहाँ तक आप कभी टूटे ना।

अगर मैं अपनी बात करूँ तो मैं भी इससे ही ज्यादा आहत था। मैंने कुछ लोगों से आवश्यकता से अधिक उम्मीदें रख ली और नतीजा वही हुआ जो सभी के साथ होता है। वास्तव में दूसरों से आप जितनी कम उम्मीद रखेंगे आप उतना ज्यादा खुश रहेंगे। कभी कभी हम इतने ज्यादा निर्भर हो जाते हैं कि हम अपना कंट्रोल ही दूसरों के हाथ मे दे देते हैं, वो चाहे तो हमें खुश रखे और चाहे तो दुःखी, इस प्रकार आप सिर्फ घुटन के शिकार हो जाएंगे, खुश होना तो बहुत दूर की बात हो गयी।

इसलिए आप अपना नियंत्रण अपने दिमाग को दीजिये। आपको हमेशा ये बात अपने दिमाग में रखनी चाहिए कि आप स्वयं के निर्माता खुद हैं, तो दूसरों से उम्मीद कैसी? बेहतर होगा कि आप खुद को बेहतर बनायें।

3. वास्तविकता में जिएँ– हमें खुश रहने के लिए वास्तविकता (Reality) के साथ साथ प्रयोगवादी विचारधारा (Practical Mindset) को अपनाना होगा, क्योंकि यह बहुत आवश्यक बिंदु है। ऐसा नहीं है कि हम किसी भी रिश्ते या चीज़ की सच्चाई नहीं जान पाते हैं। वास्तव में सच्चाई हमारे सामने होती है, लेकिन हम वास्तविकता से रूबरू ही नहीं होना चाहते। कभी भी हमें किसी की वास्तविकता पता नहीं करनी होती है, सामने वाली चीज/वस्तु या व्यक्ति अपनी महत्ता खुद दर्शाने लग जाता है। बस आपको सिर्फ उस वास्तविकता को देखना होता है।

हमेशा वर्तमान में जिएँ। कई बार हम काल्पनिक दुनिया मे इतना खो जाते हैं, और समस्याओं को अपने जीवन पर हावी कर लेते है। और अत्यधिक विचार (Over Thinking) के शिकार हो जाते हैं। इसलिए अपने दिमाग को वास्तविकता और वर्तमान से जोड़े, तभी आप खुश रह सकते हैं।

किसी भी पहलू से जुड़ा भूत और भविष्य के समय के बारे में कम सोचें। क्योंकि ऐसा होता है कि जो हमसे गलतियां पिछले समय मे हुई है उनके चक्कर में हम अपना वर्तमान समय भी बर्बाद कर देते हैं। वर्तमान के बर्बाद करने से हमारे भविष्य पर भी इसका बुरा प्रभाव पड़ता है। और धीरे धीरे हम इसी विचारधारा के शिकार हो जाते हैं। चिंता और तनाव से जीवन परिपूर्ण बना लेते हैं। जिसकी शायद हमें आवश्यकता ही नहीं होती है। इसलिए सिर्फ और सिर्फ वर्तमान को बेहतर ढंग से जीने की कोशिश करें।

4. दूसरों से तुलना न करें– अगर जीवन में खुश रहना है, तो आप इस बिंदु पर ज्यादा ध्यान दें। क्योंकि हर इंसान एक जैसा नहीं होता है। हर इंसान एक अलग व्यक्तित्व रखता है। हर इंसान में अलग गुण होते हैं। इसलिए आप किसी व्यक्ति से तभी तुलना करें जब आप उसी तरह का व्यक्तित्व रखते हैं।

लेकिन बहुत सारे पहलू में यह बात लागू होती है। कई बार हम किसी की तुलना में इतने ज्यादा कमियां खुद में कर लेते हैं। कि हमें अपने वास्तविक रूप में भी आना मुश्किल हो जाता है। यह बिल्कुल भी जरूरी नहीं है कि जिससे हम तुलना कर रहे हैं वह हमसे अच्छा ही हो। सच्चाई पर ध्यान दें और खुद को तुलनात्मक नज़रिये से बचाएं। अगर ध्यान देने की बात है, तो वह है कि आप अपने गुणों पर काम करें, उसी से आप निखरेंगे।

5. कमज़ोर की सहायता करें– खुश रहने के लिए आपको अपने आस पास का माहौल खुशनुमा बनाना होगा। किसी कमज़ोर (आर्थिक, मानसिक या किसी अन्य रूप) व्यक्ति की सहायता करें। आपको वास्तविक सच्चाई का अनुभव होगा।

इसके विपरीत कभी-कभी हम इतने परोपकारी बन जाते हैं कि अपनी ज़िंदगी ही दांव पर लगा देते है। उस सहायता से आपको क्षणिक खुशी का अनुभव जरूर होगा लेकिन आप ज्यादा समय खुद को कष्ट देने वाले है। इसलिए उस व्यक्ति की ही सहायता करें जिसे वास्तव में जरूरत है। क्योंकि जिसे वास्तव में जरूरत नहीं है लेकिन आप उसकी सहायता कर रहे हैं। वह कभी भी उस सहायता की कीमत नहीं समझेगा और ना ही उस सहायता से आपको कोई खुशी मिलेगी।

“पानी की कीमत वही समझता है, जो प्यासा है।”

6. समायोजन (Adjustment) करना सीखें– इस दुनिया में कोई ऐसा नहीं है, जो परिपूर्ण हो। कुछ न कुछ कमी हर इंसान में होती ही है। ऐसा कभी नहीं हो सकता है कि जो कुछ भी चाहें वो हमें हासिल ही हो जाये। आपके परिश्रम या प्रयास में जरूर कोई कमी रह गयी होगी। लेकिन कुछ चीज़ें हमारे बस में भी नहीं होती हैं, जिन्हें हम हासिल ही कर लें। इसलिए जीवन में समायोजन करना सीख लेना चाहिए। क्योंकि जिन चीजों पर हमारा बस नहीं होता है। वहाँ पर यही एक नियम काम करता है।

समायोजन में एक शर्त जरूर रखें, केवल उन्हीं चीजों में इसे अपनाएं जहाँ पर आपके परिश्रम और प्रयास काम ना करें। तभी आप खुश रह पाएंगे।

Final words– खुशी एक स्वतंत्र भाव है, अगर आप खुश रहना चाहते हैं। तो जीवन मे बाध्यता कम रखें। चीज़ों को स्वतंत्र छोड़ दें, निर्भरता और उम्मीद को न के बराबर रखें। अगर इन सभी चीज़ों को अपने जीवन मे अपनाते हैं, तो आप 99% अपने कष्ट से मुक्त हो जाएंगे। आशा करते हैं कि आपको ये आर्टिकल हम हमेशा खुश कैसे रहें? लाभदायक रहा होगा। कृपया आप इसे अपने दोस्तों के साथ शेयर जरूर करें।

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