Nitin Nabin Kaun Hai: बिहार सरकार में मंत्री नितिन नबीन को भारतीय जनता पार्टी का राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव अरुण सिंह की ओर से जारी पत्र में बताया गया कि पार्टी के संसदीय बोर्ड ने यह निर्णय लिया है और उनकी नियुक्ति तत्काल प्रभाव से लागू होगी।
Bihar Minister Nitin Nabin appointed as the National Working President of the Bharatiya Janata Party pic.twitter.com/zvo7aUNvX9
— ANI (@ANI) December 14, 2025
कार्यकारी अध्यक्ष बनाए जाने के बाद नितिन नबीन ने पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के प्रति आभार जताया। उन्होंने कहा कि यह सम्मान पार्टी कार्यकर्ताओं के परिश्रम का परिणाम है और एक कार्यकर्ता के रूप में निरंतर काम करने से नेतृत्व का विश्वास मिलता है। उन्होंने यह भी कहा कि सभी मिलकर संगठन को आगे बढ़ाने का कार्य करेंगे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर उन्हें बधाई देते हुए लिखा कि नितिन नबीन एक कर्मठ और परिश्रमी कार्यकर्ता हैं, जिन्होंने संगठन में अपनी अलग पहचान बनाई है। पीएम मोदी के अनुसार विधायक और मंत्री के रूप में बिहार में उनका कार्य प्रभावी रहा है और वे विनम्र स्वभाव के साथ जमीन पर काम करने के लिए जाने जाते हैं।
नितिन नबीन कौन हैं?
नितिन नबीन फिलहाल बिहार की एनडीए सरकार में पथ निर्माण विभाग तथा नगर विकास एवं आवास मंत्री हैं। इसके साथ ही वे बीजेपी के छत्तीसगढ़ प्रभारी भी हैं। वे पटना की बांकीपुर विधानसभा सीट से विधायक हैं और 2010 से 2025 तक लगातार पांच बार इस सीट से चुनाव जीत चुके हैं।
चुनाव आयोग को दिए गए हलफनामे के अनुसार नितिन नबीन के पिता का नाम नवीन किशोर प्रसाद सिन्हा है और वे टेलर रोड, पटना के निवासी हैं। उन्होंने स्वयं को सामाजिक कार्यकर्ता बताया है। हलफनामे में यह भी स्पष्ट किया गया है कि वे किसी भी आपराधिक मामले में दोषी सिद्ध नहीं हुए हैं।
शिक्षा की बात करें तो उन्होंने 1996 में पटना के सेंट माइकल हाई स्कूल से मैट्रिक और 1998 में दिल्ली के सीएसकेएम पब्लिक स्कूल से इंटरमीडिएट की पढ़ाई पूरी की।
नितिन नबीन का राजनीति में शुरुआती कदम
नितिन नबीन ने साल 2006 में पटना पश्चिम विधानसभा सीट से पहली बार विधायक बनकर राजनीति में कदम रखा था। साल 2010 की एक घटना ने उन्हें राष्ट्रीय स्तर पर चर्चा में ला दिया था, जब गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी के पटना दौरे के दौरान अख़बारों में एक विज्ञापन प्रकाशित हुआ था। इस विज्ञापन में नरेंद्र मोदी और बिहार के तत्कालीन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को हाथ पकड़े दिखाया गया था, जिस पर नीतीश कुमार ने नाराज़गी जताई थी। उस समय यह तस्वीर अख़बारों में छपवाने वाले दो विधायकों में नितिन नबीन भी शामिल थे। इस घटना को नितिन नबीन के मोदी के प्रति शुरुआती राजनीतिक झुकाव के रूप में देखा गया।
बीजेपी ने क्यों बनाया कार्यकारी अध्यक्ष
बीजेपी में लंबे समय से नए राष्ट्रीय अध्यक्ष को लेकर फैसला नहीं हो पाया है। पार्टी द्वारा जेपी नड्डा के कार्यकाल को लगातार बढ़ाए जाने के कारण इस मुद्दे पर सवाल उठते रहे हैं। संसद में भी इस पर चर्चा हुई, जहां विपक्ष ने आरोप लगाया कि बीजेपी अपना राष्ट्रीय अध्यक्ष तक नहीं चुन पा रही है।
वरिष्ठ पत्रकार रशीद किदवई के अनुसार, यह फैसला सवालों से बचने की कोशिश भी माना जा रहा है, लेकिन इससे नई राजनीतिक चर्चाएं जन्म ले सकती हैं। उनका कहना है कि बीजेपी जैसी बड़ी पार्टी के अध्यक्ष पद के लिए राष्ट्रीय स्तर के विज़न और व्यापक संगठनात्मक अनुभव की आवश्यकता होती है।
स्थायी अध्यक्ष बनने की संभावना
पार्टी के संविधान और नियमों में कार्यकारी अध्यक्ष के पद का स्पष्ट उल्लेख नहीं है। ऐसे में माना जा रहा है कि नितिन नबीन नए अध्यक्ष के चयन तक यह जिम्मेदारी संभाल सकते हैं। वरिष्ठ पत्रकार ब्रिजेश शुक्ला के अनुसार, पार्टी कुछ समय तक उनकी कार्यशैली और क्षमता का आकलन करेगी और जनवरी में होने वाली राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के बाद उन्हें स्थायी अध्यक्ष बनाए जाने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता।
नितिन नबीन 2016 से 2019 तक बीजेपी युवा मोर्चा के बिहार प्रदेश अध्यक्ष भी रह चुके हैं। उन्हें पहली बार साल 2021 में नीतीश कुमार सरकार में मंत्री बनाया गया था। उनके पिता नवीन किशोर सिन्हा भी बीजेपी से विधायक रह चुके थे, जिसके बाद नितिन नबीन ने सक्रिय राजनीति में अपनी जगह बनाई।


