सोमवार की आरती | Somvar Vrat Aarti

Somvar Vrat Aarti : सोमवार का दिन भगवान भोलेनाथ का माना जाता है। इस दिन भगवान शिव के भक्त विशेष पुजा अर्चना करते हैं, साथ ही आरती और चालीसा का भी पाठ करते है। भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए कुछ भक्त सोमवार व्रत भी रहते है, उसमें भगवान शिव की आरती का पाठ किया जाता है। 

Somvar Vrat Aarti

सोमवार व्रत की आरती

जय शिव ओंकारा ॐ जय शिव ओंकारा।
ब्रह्मा विष्णु सदा शिव अर्द्धांगी धारा॥

ॐ जय शिव ओंकारा॰॰॰॥

एकानन चतुरानन पंचानन राजे।
हंसानन गरुड़ासन वृषवाहन साजे॥

ॐ जय शिव ओंकारा॰॰॰॥

दो भुज चार चतुर्भुज दस भुज अति सोहे।
त्रिगुण रूपनिरखता त्रिभुवन जन मोहे॥

ॐ जय शिव ओंकारा॰॰॰॥

अक्षमाला बनमाला रुण्डमाला धारी।
चंदन मृगमद सोहै भाले शशिधारी॥

ॐ जय शिव ओंकारा॰॰॰॥

श्वेताम्बर पीताम्बर बाघम्बर अंगे।
सनकादिक गरुणादिक भूतादिक संगे॥

ॐ जय शिव ओंकारा॰॰॰॥

कर के मध्य कमंडलु चक्र त्रिशूल धर्ता।
जगकर्ता जगभर्ता जगसंहारकर्ता॥

ॐ जय शिव ओंकारा॰॰॰॥

ब्रह्मा विष्णु सदाशिव जानत अविवेका।
प्रणवाक्षर मध्ये ये तीनों एका॥

ॐ जय शिव ओंकारा॰॰॰॥

काशी में विश्वनाथ विराजत नन्दी ब्रह्मचारी।
नित उठि भोग लगावत महिमा अति भारी॥

ॐ जय शिव ओंकारा॰॰॰॥

त्रिगुण शिवजीकी आरती जो कोई नर गावे।
कहत शिवानन्द स्वामी मनवांछित फल पावे॥

ॐ जय शिव ओंकारा॰॰॰॥

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