250+ Chanakya Quotes in Hindi- चाणक्य के अनमोल विचार और कथन

Best 250 Chanakya Quotes in Hindi with ImagesChanakya Quotes in Hindi- आचार्य चाणक्य एक प्रकांड विद्वान व्यक्ति थे। उन्होने अर्थशास्त्र और नीतिशास्त्र (चाणक्य नीति) की रचनाएँ की हैं। इन्हे कौटिल्य के नाम से भी जाना जाता है। इन्होने अपने प्रतिशोध के लिए नन्द वंश का विनाश चन्द्रगुप्त मौर्य से करवाया और साथ ही मौर्य वंश की स्थापना हुई।

इनके विचार अत्यंत जोशीले होते हैं। आधुनिक समय मे भी इनके विचार विषम परिस्थितियों मे सटीक बैठते हैं। इस लेख के माध्यम से आप चाणक्य के अनमोल विचार (Chankya Thoughts in Hindi) आसानी से पढ़ सकते हैं।

Chanakya Quotes in Hindi- चाणक्य के अनमोल विचार और कथन

  • ऋण, शत्रु  और रोग को समाप्त कर देना चाहिए।- चाणक्य
  • वन की अग्नि चन्दन की लकड़ी को भी जला देती है अर्थात दुष्ट व्यक्ति किसी का भी अहित कर सकते है।- चाणक्य
  • शत्रु की दुर्बलता जानने तक उसे अपना मित्र बनाए रखें।- चाणक्य
  • सिंह भूखा होने पर भी तिनका नहीं खाता।  - चाणक्य
  • एक ही देश के दो शत्रु परस्पर मित्र होते है। - चाणक्य
  • आपातकाल में स्नेह करने वाला ही मित्र होता है।- चाणक्य
  • मित्रों के संग्रह से बल प्राप्त होता है।- चाणक्य
  • जो धैर्यवान नहीं है, उसका न वर्तमान है न भविष्य।- चाणक्य
  • संकट में बुद्धि ही काम आती है।  - चाणक्य
  • लोहे को लोहे से ही काटना चाहिए।- चाणक्य
  • यदि माता दुष्ट है तो उसे भी त्याग देना चाहिए।- चाणक्य
  • यदि स्वयं के हाथ में विष फ़ैल रहा है तो उसे काट देना चाहिए।- चाणक्य
  • सांप को दूध पिलाने से विष ही बढ़ता है, न की अमृत।- चाणक्य
  • एक बिगड़ैल गाय सौ कुत्तों से ज्यादा श्रेष्ठ है।  अर्थात एक विपरीत स्वाभाव का परम हितैषी व्यक्ति, उन सौ लोगों से श्रेष्ठ है जो आपकी चापलूसी करते है।- चाणक्य
  • कल के मोर से आज का कबूतर भला।  अर्थात संतोष सब बड़ा धन है।- चाणक्य
  • आग सिर में स्थापित करने पर भी जलाती है। अर्थात दुष्ट व्यक्ति का कितना भी सम्मान कर लें, वह सदा दुःख ही देता है।- चाणक्य
  • अन्न के सिवाय कोई दूसरा धन नहीं है।- चाणक्य
  • भूख के समान कोई दूसरा शत्रु नहीं है।- चाणक्य
  • विद्या  ही निर्धन का धन है।- चाणक्य
  • विद्या को चोर भी नहीं चुरा सकता।- चाणक्य

Chanakya Suvichar- चाणक्य सुविचार

  • शत्रु के गुण को भी ग्रहण करना चाहिए।- चाणक्य
  • अपने स्थान पर बने रहने से ही मनुष्य पूजा जाता है।- चाणक्य
  • सभी प्रकार के भय से बदनामी का भय सबसे बड़ा होता है। - चाणक्य
  • किसी लक्ष्य की सिद्धि में कभी शत्रु का साथ न करें।- चाणक्य
  • आलसी का न वर्तमान होता है, न भविष्य।- चाणक्य
  • सोने के साथ मिलकर चांदी भी सोने जैसी दिखाई पड़ती है अर्थात सत्संग का प्रभाव मनुष्य पर अवश्य पड़ता है। - चाणक्य
  • ढेकुली नीचे सिर झुकाकर ही कुँए से जल निकालती है।  अर्थात कपटी या पापी व्यक्ति सदैव मधुर वचन बोलकर अपना काम निकालते है।  - चाणक्य
  • सत्य भी यदि अनुचित है तो उसे नहीं कहना चाहिए।- चाणक्य
  • समय का ध्यान नहीं रखने वाला व्यक्ति अपने जीवन में निर्विघ्न नहीं रहता।- चाणक्य
  • जो जिस कार्ये में कुशल हो उसे उसी कार्ये में लगना  चाहिए।- चाणक्य
  • दोषहीन कार्यों का होना दुर्लभ होता है।- चाणक्य
  • किसी भी कार्य में पल भर का भी विलम्ब न करें। - चाणक्य
  • चंचल चित वाले के कार्य कभी समाप्त नहीं होते। - चाणक्य
  • पहले निश्चय करिएँ, फिर कार्य आरम्भ करें।- चाणक्य
  • भाग्य पुरुषार्थी के पीछे चलता है। - चाणक्य
  • अर्थ, धर्म और कर्म का आधार है।- चाणक्य
  • शत्रु दण्डनीति के ही योग्य है।  - चाणक्य
  • कठोर वाणी अग्निदाह से भी अधिक तीव्र दुःख पहुंचाती है। - चाणक्य
  • व्यसनी व्यक्ति कभी सफल नहीं हो सकता। - चाणक्य
  • शक्तिशाली शत्रु को कमजोर समझकर ही उस पर आक्रमण करे। - चाणक्य

Chanakya Ke Anmol Vachan- चाणक्य के अनमोल वचन

  • अपने से अधिक शक्तिशाली और समान बल वाले से शत्रुता न करे।- चाणक्य
  • मंत्रणा को गुप्त  रखने से ही कार्य सिद्ध होता है।- चाणक्य
  • योग्य सहायकों के बिना निर्णय करना बड़ा कठिन होता है।- चाणक्य
  • एक अकेला पहिया नहीं चला करता।- चाणक्य
  • अविनीत स्वामी के होने से तो स्वामी का न होना अच्छा है।- चाणक्य
  • जिसकी आत्मा संयमित होती है, वही आत्मविजयी होता है।- चाणक्य
  • स्वभाव का अतिक्रमण अत्यंत कठिन है।- चाणक्य
  • धूर्त व्यक्ति अपने स्वार्थ के लिए दूसरों की सेवा करते हैं।- चाणक्य
  • कल की हज़ार कौड़ियों से आज की एक कौड़ी भली।  अर्थात संतोष सबसे बड़ा धन है।- चाणक्य
  • दुष्ट स्त्री बुद्धिमान व्यक्ति के शरीर को भी निर्बल बना देती है। - चाणक्य
  • आग में आग नहीं डालनी चाहिए। अर्थात क्रोधी व्यक्ति को अधिक क्रोध नहीं दिलाना चाहिए।- चाणक्य
  • मनुष्य की वाणी ही विष और अमृत की खान है।- चाणक्य
  • दुष्ट की मित्रता से शत्रु की मित्रता अच्छी होती है।- चाणक्य
  • दूध के लिए हथिनी पालने की जरुरत नहीं होती। अर्थात आवश्कयता के अनुसार साधन जुटाने चाहिए।- चाणक्य
  • कठिन समय के लिए धन की रक्षा करनी चाहिए।- चाणक्य
  • कल का कार्य आज ही कर ले।- चाणक्य
  • सुख का आधार धर्म है।- चाणक्य
  • धर्म का आधार अर्थ अर्थात धन है।- चाणक्य
  • राज्य का आधार अपनी इन्द्रियों पर विजय पाना है।- चाणक्य
  • प्रकृति सहज रूप से प्रजा के संपन्न होने से नेताविहीन राज्य भी संचालित होता रहता है।- चाणक्य

Chanakya Thoughts in Hindi- चाणक्य के विचार हिंदी मे

  • वृद्धजन की सेवा ही विनय का आधार है।- चाणक्य
  • वृद्ध सेवा अर्थात ज्ञानियों की सेवा से ही ज्ञान प्राप्त होता है।- चाणक्य
  • ज्ञान से राजा अपनी आत्मा का परिष्कार करता है, सम्पादन करता है।- चाणक्य
  • आत्मविजयी सभी प्रकार की संपत्ति एकत्र करने में समर्थ होता है।- चाणक्य
  • जहां लक्ष्मी (धन) का निवास होता है, वहां सहज ही सुख-सम्पदा आ जुड़ती है।- चाणक्य
  • इन्द्रियों पर विजय का आधार विनर्मता है।- चाणक्य
  • प्रकर्ति का कोप सभी कोपों से बड़ा होता है।- चाणक्य
  • शासक को स्वयं योगय बनकर योगय प्रशासकों की सहायता से शासन करना चाहिए।- चाणक्य
  • सुख और दुःख में सामान रूप से सहायक होना चाहिए।- चाणक्य
  • स्वाभिमानी व्यक्ति प्रतिकूल विचारों कोसम्मुख रखकर दुबारा उन पर विचार करे।- चाणक्य
  • अविनीत व्यक्ति को स्नेही होने पर भी अपनी मंत्रणा में नहीं रखना चाहिए।- चाणक्य
  • ज्ञानी और छल-कपट से रहित शुद्ध मन वाले व्यक्ति को ही मंत्री बनाए।- चाणक्य
  • समस्त कार्य पूर्व मंत्रणा से करने चाहिए।- चाणक्य
  • जिसमें बुध्दि नहीं है उसको शास्त्र से क्या लाभ ? जैसे नेत्रहीन मनुष्य के लिए दर्पण बेकार है- चाणक्य
  • कुछ हार जीत से अधिक संतोषजनक होती हैं.- चाणक्य
  • "जो भी काम आप करने के लिए चुनते हैं उसका आनन्द लीजिये.हर व्यवसाय, रिश्ता, घर- चाणक्य
  • जैसे ही भय आपके करीब आये , उसपर आक्रमण कर उसे नष्ट कर दीजिये.- चाणक्य
  • कोई व्यक्ति अपने कार्यों से महान होता है, अपने जन्म से नहीं.- चाणक्य
  • जब आप किसी काम की शुरुआत करें , तो असफलता से मत डरें और उस काम को ना छोड़ें. जो लोग इमानदारी से काम करते हैं वो सबसे प्रसन्न होते हैं.- चाणक्य
  • एक उत्कृष्ट बात जो शेर से सीखी जा सकती है वो ये है कि व्यक्ति जो कुछ भी करना चाहता है उसे पूरे दिल और ज़ोरदार प्रयास के साथ करे.- चाणक्य

Chanakya Niti Quotes in Hindi- चाणक्य नीति कथन हिन्दी मे

  • भगवान मूर्तियों में नहीं है. आपकी अनुभूति आपका इश्वर है. आत्मा आपका मंदिर है- चाणक्य
  • अगर सांप जहरीला ना भी हो तो उसे खुद को जहरीला दिखाना चाहिए.- चाणक्य
  • किसी मूर्ख व्यक्ति के लिए किताबें उतनी ही उपयोगी हैं जितना कि एक अंधे व्यक्ति के लिए आईना.- चाणक्य
  • सबसे बड़ा गुरु मन्त्र है : कभी भी अपने राज़ दूसरों को मत बताएं. ये आपको बर्वाद कर देगा.- चाणक्य
  • दुनिया की सबसे बड़ी शक्ति नौजवानी और औरत की सुन्दरता है.- चाणक्य
  • सांप के फन, मक्खी के मुख और बिच्छु के डंक में ज़हर होता है; पर दुष्ट व्यक्ति तो इससे भरा होता है.- चाणक्य
  • कभी भी उनसे मित्रता मत कीजिये जो आपसे कम या ज्यादा प्रतिष्ठा के हों. ऐसी मित्रता कभी आपको ख़ुशी नहीं देगी.- चाणक्य
  • जो लोग परमात्मा तक पहुंचना चाहते हैं उन्हें वाणी, मन, इन्द्रियों की पवित्रता और एक दयालु ह्रदय की आवश्यकता होती है.- चाणक्य
  • सेवक को तब परखें जब वह काम ना कर रहा हो, रिश्तेदार को किसी कठिनाई  में, मित्र को संकट में, और पत्नी को घोर विपत्ति में.- चाणक्य
  • जो सुख-शांति व्यक्ति को आध्यात्मिक शान्ति के अमृत से संतुष्ट होने पे मिलती है वो लालची लोगों को बेचैनी से इधर-उधर घूमने से नहीं मिलती.- चाणक्य
  • सारस की तरह एक बुद्धिमान व्यक्ति को अपनी इन्द्रियों पर नियंत्रण रखना चाहिए और अपने उद्देश्य को स्थान की जानकारी, समय और योग्यता के अनुसार प्राप्त करना चाहिए.- चाणक्य
  • वह जो हमारे चिंतन में रहता है वह करीब है, भले ही वास्तविकता में वह बहुत दूर ही क्यों ना हो; लेकिन जो हमारे ह्रदय में नहीं है वो करीब होते हुए भी बहुत दूर होता है.- चाणक्य
  • शिक्षा सबसे अच्छी मित्र है.एक शिक्षित व्यक्ति हर जगह सम्मान पता है. शिक्षा सौंदर्य और यौवन को परास्त कर देती है.- चाणक्य
  • अपने रहस्य को किसी को मत बताओ, ये आदत आपको ख़त्म कर देंगी.- चाणक्य
  • भगवान मूर्तियों में नहीं है.आपकी अनुभूति आपका इश्वर है.आत्मा आपका मंदिर है.- चाणक्य
  • इस बात को व्यक्त मत होने दीजिये कि आपने क्या करने के लिए सोचा है, बुद्धिमानी से इसे रहस्य बनाये रखिये और इस काम को करने के लिए दृढ रहिये.- चाणक्य
  • "शिक्षा सबसे अच्छी मित्र है.एक शिक्षित व्यक्ति हर जगह सम्मान पता है. शिक्षा सौंदर्य और यौवन को परास्त कर देती है.- चाणक्य
  • जब तक आपका शरीर स्वस्थ्य और नियंत्रण में है और मृत्यु दूर है,अपनी आत्मा को बचाने कि कोशिश कीजिये; जब मृत्यु सर पर आजायेगी तब आप क्या कर पाएंगे?- चाणक्य
  • फूलों की सुगंध केवल वायु की दिशा में फैलती  है. लेकिन एक व्यक्ति की अच्छाई हर दिशा में फैलती है.- चाणक्य
  • हमें भूत के बारे में पछतावा नहीं करना चाहिए, ना ही भविष्य के बारे में चिंतित होना चाहिए ; विवेकवान व्यक्ति हमेशा वर्तमान में जीते हैं.- चाणक्य
Next Post Previous Post