श्री राधा जी की आरती (आरती श्री वृषभानुसुता की) | Radha Ji Ki Aarti


Radha Ji Ki Aarti Lyrics: राधा कृष्ण भक्तों को नियमित रूप से श्री राधा आरती का पाठ व श्रवण करना चाहिए। मान्यताओं के अनुसार राधा जी का जन्म भगवान कृष्ण के 15 दिन बाद माना जाता है, इसका अर्थ है की कृष्ण जन्माष्टमी के 15 दिन बाद राधा जन्मोत्सव पर विशेष पुजा के साथ आरती व चालीसा का गायन करना चाहिए।

राधा जी आरती श्री वृषभानुसुता की

आरती श्री वृषभानुसुता की,
मंजुल मूर्ति मोहन ममता की ॥

त्रिविध तापयुत संसृति नाशिनि,
विमल विवेकविराग विकासिनि ।
पावन प्रभु पद प्रीति प्रकाशिनि,
सुन्दरतम छवि सुन्दरता की ॥
॥ आरती श्री वृषभानुसुता की..॥

मुनि मन मोहन मोहन मोहनि,
मधुर मनोहर मूरति सोहनि ।
अविरलप्रेम अमिय रस दोहनि,
प्रिय अति सदा सखी ललिता की ॥
॥ आरती श्री वृषभानुसुता की..॥

संतत सेव्य सत मुनि जनकी,
आकर अमित दिव्यगुन गनकी ।
आकर्षिणी कृष्ण तन मनकी,
अति अमूल्य सम्पति समता की ॥
॥ आरती श्री वृषभानुसुता की..॥

॥ आरती श्री वृषभानुसुता की॥

कृष्णात्मिका, कृष्ण सहचारिणि,
चिन्मयवृन्दा विपिन विहारिणि ।
जगजननि जग दुखनिवारिणि,
आदि अनादिशक्ति विभुता की ॥
॥ आरती श्री वृषभानुसुता की..॥

आरती श्री वृषभानुसुता की,
मंजुल मूर्ति मोहन ममता की ॥

Radha Aarti Shri Vrshabhanusuta Ki Lyrics

Radha Aarti Shri Vrshabhanusuta Ki Lyrics

Aarti Shri Vrshabhanusuta Ki,
Manjul Moorti Mohan Mamta Ki ॥

Trividh Tapayut Sansrti Nashini,
Vimal Vivekavirag Vikasini ।
Paavan Prabhu Pad Preeti Prakashini,
Sundartam Chhavi Sundarta Ki ॥
॥ Aarti Shri Vrshabhanusuta Ki.. ॥

Muni Man Mohan Mohan Mohani,
Madhur Manohar Moorati Sohani ।
Aviralaprem Amiy Ras Dohani,
Priya Ati Sada Sakhi Lalita Ki ॥
॥ Aarti Shri Vrshabhanusuta Ki.. ॥

Santat Sevy Sat Muni Janaki,
Aakar Amit Divyagun Ganaki ।
Aakarshini Krishn Tan Manki,
Ati Amooly Sampati Samata Ki ॥
॥ Aarti Shri Vrshabhanusuta Ki.. ॥

॥ Aarti Shri Vrshabhanusuta Ki.. ॥

Krishnatmika, Krishn Sahacharini,
Chinmayavrinda Vipin Viharini ।
Jagjanani Jag Dukhanivarini,
Aadi Anadishakti Vibhuta Ki ॥
॥ Aarti Shri Vrshabhanusuta Ki.. ॥

Aarti Shri Vrshabhanusuta Ki,
Manjul Moorti Mohan Mamta Ki ॥


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