Sai Baba Ke 11 Vachan: साई बाबा के 11 वचन हिन्दी में

साईं बाबा के 11 वचन: साईं बाबा अपने भक्तों के हर दुःख, समस्या, दर्द को मिटा देते हैं। उनका अपने भक्तों से बस इतना कहना है, की अपने चित्त में स्थिरता लाएं। और उनमें श्रद्धा और सबूरी बनाये रखें। 

Sai Baba Ke 11 Vachan

1. जो शिरडी में आएगा, आपद दूर भगाएगा। 
शिरडी साईं बाबा का धाम है, जो व्यक्ति सच्ची श्रद्धा के साथ शिरडी जाएगा, उसे कैसी भी समस्या हो उससे छुटकारा मिल जाएगा।

2. चढ़े समाधि की सीढ़ी पर, पैर तले दुख की पीढ़ी पर। 
साईं बाबा की समाधि की सीढ़ी यानि कि साईं बाबा के मंदिर में जाने से दुःख दूर हो जाते हैं।

3. त्याग शरीर चला जाऊंगा, भक्त हेतु दौड़ा आऊंगा। 
 वचन में वो कहते हैं कि अगर मेरा भक्त मुसीबत में होगा तो मैं भले ही शरीर में न रहूं, लेकिन भक्त की मदद के लिए दौड़ा-दौड़ा चला आउंगा।

4. मन में रखना दृढ़ विश्वास, करे समाधि पूरी आस।
साईं बाबा ने जीवन में श्रद्धा का बड़ा महत्व बताया है। साईं बाबा कहते हैं कि भक्तों को मन में पूरा विश्वास रखना चाहिए मन्दिर आने पर उनकी हर मनोकामना पूरी होगी। 

5. मुझे सदा जीवित ही जानो, अनुभव करो सत्य पहचानो। 
इस वचन में साईं बाबा कहते हैं कि मुझे हमेशा जीवित ही समझना। कभी अनुभव करना मैं तुम्हारे पास ही हूँ। 

6. मेरी शरण आ खाली जाए, हो तो कोई मुझे बताए। 
साईं बाबा कहते हैं जो भी मेरी शरण में आया है उसकी मैं हर मनोकामना पूरी करता हूं। इसके अलावा जो कोई खाली गया हो अर्थात जिसकी मनोकामना पूर्ण न हुई हो।

7. जैसा भाव रहा जिस जन का, वैसा रूप हुआ मेरे मन का। 
साईं बाबा कहते हैं कि जिस इंसान का जैसा भाव होता है उसे मैं वैसा ही दिखता हूं। 

8. भार तुम्हारा मुझ पर होगा, वचन न मेरा झूठा होगा। 
इस वचन में साईं बाबा कहते हैं कि अगर भक्त श्रद्धा भक्ति से मेरे पास आएंगे तो उनकी मदद मैं जरूर करूंगा।

9. आ सहायता लो भरपूर, जो मांगा वो नहीं है दूर। 
जो भक्त श्रद्धा भाव से मुझसे मदद की उम्मीद करेगा मैं उसकी मनचाही मुराद जरूर पूरी करूंगा।

10. मुझमें लीन वचन मन काया, उसका ऋण न कभी चुकाया। 
जो भक्त तन, मन, वचन से मुझ में लीन रहता है, उस भक्त के लिए मैं हमेशा ऋणी रहता हूं।

11. धन्य धन्य व भक्त अनन्य , मेरी शरण तज जिसे न अन्य। 
साईं बाबा कहते हैं कि मेरे वो भक्त धन्य हैं जो अनन्य भाव से भक्ति में लीन हैं।
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