बुधवार की आरती | Budhvar Ki Aarti

Budhvar Ki Aarti : यह आरती भगवान कृष्ण और राधा रानी को समर्पित है। क्योंकि राधा रानी और भगवान श्री कृष्ण का युग्म ही युगल किशोर के नाम से जाना जाता है। इस आरती के पाठ एवं श्रवण से दाम्पत्य जीवन में स्नेह बढ़ता है, साथ ही जीवन में खुशी और वैभव भी बना रहता है। 

Budhvar Ki Aarti
Budhvar Ki Aarti

बुधवार की आरती

आरती युगलकिशोर की कीजै।
तन मन धन न्योछावर कीजै॥

गौरश्याम मुख निरखन लीजै।
हरि का रूप नयन भरि पीजै॥

रवि शशि कोटि बदन की शोभा।
ताहि निरखि मेरो मन लोभा॥

ओढ़े नील पीत पट सारी।
कुंजबिहारी गिरिवरधारी॥

फूलन सेज फूल की माला।
रत्न सिंहासन बैठे नंदलाला॥

कंचन थार कपूर की बाती।
हरि आए निर्मल भई छाती॥

श्री पुरुषोत्तम गिरिवरधारी।
आरती करें सकल नर नारी॥

नंदनंदन बृजभान किशोरी।
परमानंद स्वामी अविचल जोरी॥

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