राष्ट्र गान हिंदी लिरिक्स | Rashtra Gaan lyrics in Hindi

राष्ट्र गान - Rashtra Gaan

जन गण मन अधिनायक जय हे
भारत भाग्य विधाता।

पंजाब सिन्ध गुजरात मराठा
द्रविड़ उत्कल बंग।
विंध्य हिमाचल यमुना गंगा
उच्छल जलधि तरंग।

तव शुभ नामे जागे
तव शुभ आशीष मागे।
गाहे तव जयगाथा।

जन गण मंगलदायक जय हे
भारत भाग्य विधाता।

जय हे, जय हे, जय हे
जय जय जय जय हे॥
- रवीन्द्रनाथ टैगोर

Q.1 राष्ट्रगान कब और किसने लिखा था? (Rashtra gaan kisne likha tha / Lekhak?)

राष्ट्रगान "जन-गण-मन.." गुरुदेव रबीन्द्रनाथ टैगोर द्वारा रचित मूलतः एक बंगाली भाषा की कविता है, जिसे सर्वप्रथम 27 दिसम्बर 1911 को भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की सभा में कलकत्ता में गाया गया था..

Q.2 राष्ट्र गान कब अपनाया गया था? (Rashtra gaan kab apnaya gaya tha? )

"जन-गण-मन.." को राष्ट्रगान के रूप में 24 जनवरी 1950 को संसदीय सभा के द्वारा अपनाया गया था. 

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